भोर में मिले पटरी पर मेरे टुकड़े
और मिली चार दिन के सफर की
चार रोटी
रोटी पन्नी में बंधी
पन्नी खून से संधी
टीवी पर देखकर
बाबू निवाला तोड़ते हुए बोले
"चीन को भगवान माफ नहीं करेगा"
बाबू, मेरे देश का क्या?
जिसने अरसे बिता दिए
मेरे टुकड़ों पर इमारतें बनाते हुए
और मिली चार दिन के सफर की
चार रोटी
रोटी पन्नी में बंधी
पन्नी खून से संधी
टीवी पर देखकर
बाबू निवाला तोड़ते हुए बोले
"चीन को भगवान माफ नहीं करेगा"
बाबू, मेरे देश का क्या?
जिसने अरसे बिता दिए
मेरे टुकड़ों पर इमारतें बनाते हुए